Saturday, July 30, 2022

जनहित याचिका

🌖          जनहित याचिका           🌖

     घनी बरसात में बदहाल
  कामवालियों को
     सुबह-सुबह गीले वस्त्रों में देख
  कर दु:ख बुरा लगता है।
     बहुत ग़ुस्सा आता है।
     इस मौसम में इतनी ज़रूरी
     उनके पास छतरी क्यों नहीं
   रहती है अथवा रेन कोट?

     ऐसे ही जाड़ों में भी,इसी तरह
     कड़कती ठंढ के बीच सोसायटी
  में आवश्यकता से बहुत कम वस्त्र
  पहने सुबह-सुबह ठिठुरती हुई
  कामवालियों को देख कर कलेजा
  जलता रहता है और क्रोध में
ख़ुद ही निर्वस्त्र होने लगता हूँ ।
  क्यों नहीं होने चाहिए हैं ज़रूरत
  भर गर्म कपड़े इनके पास ?

     तो कोई क़ानून पण्डित बतायेंगे
  कि बतौर नागरिक अकारण यह 
   दु:ख उठाने के अभियोग में इन
   काम वाली के मालिकों पर
   जनहित याचिका का मेरा वैध  
  आधार बनता है या नहीं ?
   या कि जैसा समय चल रहा है
  कहीं,
      मानवाधिकार वाले भी तो इसे
  अपने चिन्ता-क्षेत्र से बाहर नहीं
  रखे रहते ?
                  गंगेश गुंजन                                     #उचितवक्ताडेस्क।

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