जान बचाना मुश्किल ही है
अब मिल पाना मुश्किल ही है
वह इतने ऊँचे जा बैठे
उन तक जाना मुश्किल ही है
मेरे जी में तो जगमग है
उसे दिखाना मुश्किल ही है
ऐसे दौर में अब तो लोगो
वचन निभाना मुश्किल ही है
कह जाना तो फिर भी आसाँ
कह कर आना मुश्किल ही है
दिल की खेती में सुखाड़ है
जिसे देखिए बेदिल ही है
२मार्च, '१४ ई. ( गंगेश गुंजन )
अब मिल पाना मुश्किल ही है
वह इतने ऊँचे जा बैठे
उन तक जाना मुश्किल ही है
मेरे जी में तो जगमग है
उसे दिखाना मुश्किल ही है
ऐसे दौर में अब तो लोगो
वचन निभाना मुश्किल ही है
कह जाना तो फिर भी आसाँ
कह कर आना मुश्किल ही है
दिल की खेती में सुखाड़ है
जिसे देखिए बेदिल ही है
२मार्च, '१४ ई. ( गंगेश गुंजन )