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हवा-पानी,चांद-सूरज सबको वतन
चाहिए।
देश की माटी में लोगो देशी मन
चाहिए।
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गंगेश गुंजन,
१८अक्तू.'१९.
Sunday, September 29, 2019
... देसी मन चाहिए
Saturday, September 28, 2019
मरने का भी हौसला किया जाये
🌿🌿
हरेक पल जीने की यूं लालसा
न की जाये।
कभी मरने का भी तो हौसला
किया जाये।
-गंगेश गुंजन 🌿🌿
।। लोकतंत्र ।।
।। लोकतंत्र।।
।🌓।
बिखरे विपक्ष का प्रबन्धन ही आजकी विजय-कामी सत्ता का लोकतंत्र होता हुआ लगता है। गत १५-२० चुनाव-वर्षों के फलित अनुभव से।और प्रायः यह भी कि उसका सबसे उर्वर परिसर अपने यहाँ है।
आख़िर हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र जो हैं !
। उचितवक्ता डेस्क ।
Friday, September 27, 2019
Thursday, September 26, 2019
ज़िन्दगी तमाशा घर।
दु:ख की गाड़ी पर ख़ुशी से थका हुआ सफ़र।
ज़िन्दगी भी अजब उलटबांसी है तमाशा घर।
*
गंगेश गुंजन
.....एक ख़ास गाना ढूंढ़ते हैं
हज़ारों गीत हैं अपने ज़हन में
मगर एक ख़ास गाना ढूँढ़ते हैं।
गंगेश गुंजन
Sunday, September 22, 2019
चांद की एक और बात
चांद की एक और बात बड़ी
प्यारी है।
वह जिसे मिलता नहीं,सपना में
आता है।
🌱🌱
गंगेश गुंजन
(उचितवक्ता डेस्क)
Saturday, September 21, 2019
...जिगर तो हर हाल चाहिए !
🌍
देने के लिए जिनके पास कुछ नहीं
होता उनके पास जिगर रहता है।
जिनके पास बहुत रहता है उनके
पास देने का ही जिगर नहीं होता।
🌍
गंगेश गुंजन
(उचितवक्ता डेस्क)
Thursday, September 19, 2019
किसलिए फिर लौटूंगा
यहां से जाऊंगा तो किस लिए
फिर लौटूंगा।
सोचता हूं यहीं रखता चलूं
ज़िन्दगी तनिक।
🕊️
गंगेश गुंजन
Wednesday, September 18, 2019
Tuesday, September 17, 2019
हम मज़दूर हैं
हम मज़दूर हैं। मिट्टी कोई हो,
ख़ून-पसीने से उसे देश बना देते हैं।
जहाज़-जहाज़ भर के सागर पार,
मज़दूर ले जाओगे,कहां ?
ख़ून पसीना से हम उसे
मॉरिशस कर देंगे।
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गंगेश गुंजन
Saturday, September 14, 2019
हिन्दी दिवस उत्सव १४.९.'१९.
हिंदी दिवस उत्सव
💐💐
हिंदी दिवस उत्सव मैंने इस तरह मनाया !
दिल्ली पुस्तक मेला में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) द्वारा प्रकाशित,श्री राकेश पाण्डेय लिखित पुस्तक,'गांधी और हिन्दी' महत्त्वपूर्ण पुस्तक क्रय कर के।
और,
प्रगति मैदान के हाल में आयोजित आथर्स गिल्ड आव इंडिया के आयोजन :गांधीजी और हिंदी : विशेष संगोष्ठी एवं हिन्दी कवि सम्मेलन श्रोतास्वरूप सभागार में अपनी उपस्थिति से।
हिन्दी दिवस पर बधाई !
🌳
गंगेश गुंजन
Friday, September 13, 2019
चन्द्रयान-सूर्ययान
चन्द्रयान-सूर्ययान
शान्त,विनम्र और कोमल पर सब का पुरुषार्थ चलता है। चन्द्रमा को ही देख लीजिए। उस पर धमक जाने के लिए देश के देश लगे रहते हैं। लेकिन बड़े 'ज्ञानयोद्धा' हैं वे तो सूर्ययान बना कर तनिक सूरज पर भी धाबा बोल कर दिखायें तो !
🌓
गंगेश गुंजन
(उचितवक्ता डेस्क)
Thursday, September 12, 2019
Wednesday, September 11, 2019
नया हिन्दुस्तान लिखेंगे
रक़ीब तो इसे फिर एक रेगिस्तान
लिखेगा।
हमारा हौसला इक नया हिन्दुस्तान
लिखेगा।
🌄
गंगेश गुंजन
।उचितवक्ता डेस्क।
तुम्हीं कहते थे ना
लो सभी यादें हैं और ये रही माचिस।
तुम्हीं कहते थे ना कुछ भी है मुमकिन।
*
गंगेश गुंजन
Tuesday, September 10, 2019
पानी की तरह मिला उससे
कोई पत्थर आकर मेरे सिर से
टकराया ।
कांच तो हूं नहीं,पानी की तरह
उससे मिला।
🕊️🕊️🕊️
-गंगेश गुंजन
Tuesday, September 3, 2019
अपराध ओ विवेक
कुछ अपराध मनुष्य की नियति में
ही हैं और अपरहार्य हैं।जैसे,कब
कैसे कोई चींटी आपके पैर के
नीचे दब कर मर जाती है आपको
पता नहीं होता। लेकिन जब यह
मालूम पड़ जाय तो क्षण भर
पश्चात्ताप करके ही अगला कदम
राह पर रखते हैं।
ग़लती पर,खेद होना नहीं भूलता
हूं मैं।
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गंगेश गुंजन
Monday, September 2, 2019
Sunday, September 1, 2019
l चेतनाक असल शक्ति-शिक्षा ।
शिक्षा दीन-हीन लोकक ब्रह्मास्त्र थीक।मनुष्य मे परिवर्तनकारी चेतनाक असल शक्ति,शिक्षे सं अबैत
छैक।