Monday, October 31, 2022

दु:ख छोड़ि क' सब किछु बाँटल ।

 ⚡ दु:ख छोड़ि क' सब किछु बाँटल !

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कोन इलाका छूटल अछि                     सब दिसि सबटा बांँटल अछि।

व्यर्थ वस्तु सब बात
-विचार नीकहुंँ तंँ
सब काटल अछि ।

दु:ख आब करबे लए की
युगेक माथ जे
साटल अछि।
बर्खहुंँ संयोगल पोथी
कोनो कोन में
राखल अछि।

बहुते दिन पर गप्प भेलय
एकसर मीत
निरासल अछि।
भरि पृथ्वीक
सुखाएल समुद्र
मेघ अपने पियासल अछि।

गामक लोक बताह हमर
एहन खेत कें चासल अछि।
कष्टक आगिक तापे दिव्य
दग्ध लोक
किछु  बॉचल अछि ।

सात रंग सब मिज्झर भेल
सबहक संस्कृति
भासल अछि।
महगीक विपदा मे बेहाल
देशक दिने
हतासल अछि।

सब बूझय अपने कें महान्
की मिथिलाँचल
भासल अछि।
                     *
             ।गंगेश गुंजन।                                   #उचितवक्ताडेस्क।

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