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जिन कुछ ऊँचे कारणों से समकालीन हिन्दी साहित्य मुझे ऐसा श्रेष्ठ और श्लाघनीय रहा है उनमें प्रोफ़ेसर कर्मेन्दु शिशिर हैं एक। अन्य भाषा को भी ऐसा लेखक उपलब्ध है या नहीं, मुझे नहीं पता।
किन्तु सब होते हुए भी,काश ! मैथिली भाषा को भी एक प्रोफ़ेसर कर्मेन्दु शिशिर मिलता ! बहुत दिनों की यह मेरी अपेक्षा रही है बल्कि प्रतीक्षा।
आज कर्मेन्दु जी का जन्मदिन है। बधाई देता हूंँ और एक अग्रज की असीम मंगलकामनाएँ देता हूँ । 💐
गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
फ़ोटो : उवडे अभिलेखागार।
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