🌾🌾 ईश प्रार्थना !
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आप तो ईश्वर हो
बिना बिजली के रह सकते हो
हमें अंधेरे में बहुत डर लगता है
हम इन्सान हैं न।
अपनी विशाल सजावट को ज़रा कम करके थोड़ी बिजली हमारी बस्ती में भी नहीं भेज सकते ?
आप तो ख़ुदे दैवी आलोक से उद्भासित हैं।
ईश्वर होकर इतना तो कर ही सकते हैं।
ठीक आपके पास में ही तो हैं हम।
कोई बहुत दूर भी नहीं है-
हमारी यह ग़रीब बस्ती।
उम्र में बहुतेरे राजनेताओं की नानी-दादी से भी बड़ी है।
पिचहत्तर-अस्सी साल से यह भी अंधेरे में खड़ी है।
अभी तनिक और डरी है।
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गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडेस्क.
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