❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️
शौक़ से इश्क़ इब्तिदा करिए
ख़ुद को ख़ुद से ही जुदा करिए।
आप बदनाम हैं जफ़ा के लिए
कभी यों वफ़ा बाख़ुदा करिए।
जान उसने भी दे दी आख़िर
रस्म ही मान कर विदा करिए।
एक से एक हैं सियासतदाँ
हाय किस-किस पे जाँ फ़िदा करिए।
बहुत हुआ ख़्वाबों से खेल
जिस्म से जान अलविदा करिए।
❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️
गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडेस्क।
No comments:
Post a Comment