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रौशनी में खड़ा हो तो काले लिबास में भी आदमी साफ़-साफ़ दिखाई देता है।अंधेरे में हो तो सफे़द साफ़ आदमी भी धूमिल या शायद ही दिखाई पड़ता है।
यह नेता और जनता के बीच की बात है।
🌓 #उचितवक्ताडेस्क।
गंगेश गुंजन
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