।। किताब से बाहर किताब ।।
बहुत प्रचलित-प्रसार चर्चित
किताबों से बाहर भी समानान्तर
कुछ किताबें होती ही हैं जिनका
कोई वर्तमान नहीं होता। जो होता
है वह उनका अनन्त भविष्य होता
है।
#उचितवक्ताडेस्क। गंगेश गुंजन १४सितम्बर,'२२.
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