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२२ सितंबर,२०२२.
प्रकाशक कविता की पुस्तक नहीं छापेंगे तो कविता मर जाएगी?
जो कवि ऐसा सोचते हैं वे कविता नहीं, समय के अनुसार कोई धंधा ढूँढ़ लें।
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#उचितवक्ताडेस्क। गंगेश गुंजन
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