Saturday, August 6, 2022

एक मित्र सलाह

                   💐           

           एक मित्र सलाह !

    ख़ामख़्वाह घर में बैठे बोर हो रहे
  हों चाहे ज़बरदस्ती भी बौद्धिकता
  न उपज पा रही हो,दाम्पत्य क्लेश
  से,मित्र की उदासीनता से या
  जिस भी स्थिति में हों कुछ नहीं
  सोचिए बस फेसबुक पर हिंदी-उर्दू
  भाजपा-कांग्रेस-कम्यूनिस्ट,आदर्श
  और बिक गई पत्रकारिता पर एक
  दो जुमले छोड़ दीजिए। बस।
  दो-तीन दिन आराम से रहिए
  साहित्य संस्कृति और राजनीति
  के सब रस की हज़ार दो हज़ार
  फेसबुक प्रतिक्रियाएँ पढ़ते हुए
  चैन से पान-ज़र्दा चबाइए,मनमर्जी
  खाइए पीजिए मस्त रहिए।
      तब तक तेज़ प्रगति कर रहे
  देश काल में मौजूद शैक्षणिक
  पतन, स्कूलों में छुट्टी का दिन
  सरकारी जीएसटी की गूढ़
  विसंगति भ्रष्टाचार आदि पर कई
  जलते-उबलते हालात पैदा हो
  लेंगे। कोसते रहिएगा।कोई चिन्ता
  नहीं।                                                                 गंगेश गुंजन 
           #उचितवक्ताडेस्क।

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