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वास्तविकता तो यह है कि सभी
काल के लिखे गए समस्त
साहित्य में भी जो अपवाद-मूल्य
की कृति होती है प्राय: वही
विशिष्ट,कालजयी होती है। अतः
हाशिया अक्सर ही कोई विशिष्ट
संदर्भ भी बन जाता है।
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#उचितवक्ताडेस्क।
गंगेश गुंजन
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