Wednesday, July 7, 2021

आधी हक़ीक़त

हक़ीक़त जो हो न आधी तो कठिन है ज़िन्दगी।

मुकम्मल मिलती नहीं है इसलिए सब रौशनी।

रात दिन यूँ चाँद और सूरज में बांँटा तब दिया।

इशारा ये ही तो क़ुदरत ने कभी का कर दिया।

                 गंगेश गुंजन

             #उचितवक्ताडेस्क


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