Tuesday, July 20, 2021

जिस्म रूह की तफ़्सील है

 ...बोले तो यह जिस्म,
    रूह की काम चलाऊ तफ़्सील भर है।        कोई मुकम्मल नहीं।
    क्या कहते हैं ?

            🌘 गंगेश गुंजन
   #उचितवक्ताडेस्क।

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