विचार की आयु !
अवश्य ही विचार भी अमर नहीं है लेकिन वह मनुष्य की तरह नश्वर नहीं है। विचार की आयु हर हाल विचारक से लम्बी और दीर्घायु होती है। लेकिन प्रच्छन्न रूप में विचार में ही उस विचारक की आयु रहती है।जबतक कोई विचार वर्तमान और भावी सब समाज के लिए उपयोगी और प्रासंगिक बना रहेगा उसकी आयु उतनी कालजयी होगी। इसी अर्थ प्रसंग में विचार मनुष्य के बाद भी जीवित रह जाता है।
गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
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