आदमी के लिए रंगमंच जीवन की तरह ही आवश्यक है। परिवार रंगमंच की सबसे छोटी ईकाई है।
यह टिप्पणी कोई अवज्ञा,अनादर अथवा निर्वेद या वैराग्य बुद्धि से नहीं की जा रही है.नाटक की भी अवधि-आयु निर्धारित है.कोरोना-नाट्य का भी पटाक्षेप होगा. गंगेश गुंजन
[उचितवक्ता डेस्क]
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