Wednesday, April 29, 2020

अपन तो यार हैं !

जहां में रोयें अपना सिर पकड़ के रोने
वाले जो।
अपन क्या यार हैं जिसके ज़माने भर
के रंजोग़म।
🌸🌸         
       गंगेश गुंजन [उचितवक्ता डेस्क]

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