ग़ज़ल
१.
कभी नहीं बेचारा दिखना
दिखना तो ध्रुवतारा दिखना।
२.
सुनना तो मां के कानों से
कहना तो मां के मुख कहना
३.
बैठें पिता उच्च आसन पर
पांवों में तो मां के बैठना।
४.
एकान्तों में जोखिम-खतरे
रहना हो बस्ती में रहना
५.
झुकना तो फल के वृक्षों-सा
तनना तो तलवार में तनना
६.
रोना मत कुछ करने लगना
गाना गाना चलने लगना।
७.
कभी नहीं क़िस्मत पर रोना
हां, मजबूरी पर पछताना।
८.
जहां - तहां मत बैठ-बैठ कर
मंज़िल से पहले थम जाना।
९.
पत्थर में पानी - सा बहना
पानी -सा पत्थर को सहना।
१०.
दोस्त ढूंढ़ना यार बनाना
उसको अपना सपना कहना।
*
गंगेश गुंजन
Monday, August 5, 2019
।। ग़ज़ल ।।
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