पड़ोसी समाधान प्रसाद जी का
कहना है :
प्रगतिशील कविता पाँव पैदल
आयी थी।पिछड़ गयी।आख़िर
कम्यूनिस्ट कवि भी हवाई
जहाज़ पर यात्रा तो करते ही हैं।
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-उचितवक्ता डेस्क-
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