विकट काले समय पर
लाल क़दमों से चलता गया कवि !
उजला हुआ कवि।
🌄
(मैथिलीमे एक टा बहुत पहिनेक फेबु पोस्ट।)
गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडेस्क।
२३.०२.'२४.
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