⚡। ग़ज़लनुमा ।⚡
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जो भी कहना मुख़्तसर कहना
बात पूरी उसे मगर कहना।
सुन सके तो सुना ही देना
और तो मुन्सिफ़ का डर कहना।
लोग ज़्यादा तर हैं ख़ौफ़ज़दा
फ़िक्रे जम्हूरीयत क़हर कहना।
एक बार और धनिक जीत गया
शिकस्ता सच की ख़बर कहना।
हार बैठा अवाम गाँवों में
जीत के जश्न में शहर कहना।
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#उचितवक्ताडेस्क।
गंगेश गुंजन
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