|•| ग़ज़ल नुमा |•|
मर्म समझाता कोई अब
तालिबानी का।
बेरुखी का या कि उस पर
मेह्रबानी का।
सच नहीं गर है तो बतलायें भी वे
मुल्क
रह चुके किरदार जो इसकी
कहानी का।
कौन होगा दौरे बदहाली में
ज़िम्मेदार
लिख रहा है कौन क़िस्सा
बदगुमानी का।
लग रही है स्याह दिल ये
ज़्यादातर दुनिया
और क़ाबिज़ इरादा ज़िल्ले
सुब्हानी का।
या ख़ुदा किस दौरे दहशत में
जिये हैं हम
तेरी साज़िश है कि ड्रामा
हुक़्मरानी का।
🌓
गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
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