Saturday, August 29, 2020

मिज़ाज

जुबां सबकी अपनीअपना मिज़ाज होता है इक रिरियाए जी  हुजूर दूसरा दहाड़ता है।

               गंगेश गुंजन 

        # उचितवक्ता डेस्क। 

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