Thursday, July 23, 2020

साहित्य

                    साहित्य 

साहित्य मानवीय उदात्तता और आदर्श प्रयोजन के सामाजिक आशयों का भाषा में आविष्कार है।कदापि स्पर्धा नहीं है। समकालीन दो उल्लेखनीय लेखकों की तुलना अनावश्यक है। 

                    गंगेश गुंजन 

                # उचितवक्ता डेस्क।

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