Wednesday, February 26, 2020

दु:ख का पहाड़ और जीवन !

      * दु:ख का पहाड़ और ज़िन्दगी *


मनुष्य के जीवन पर दु:ख का पहाड़ भी पड़ जाये तो भी जीवन उसे बेल्लाग उतार फेंक कर निकल जाता है।ज़िंदगी उसे ऐसाचकमा देती है कि दु:खोंका पहाड़ धरा ही रह जाता है।

   -गंगेश गुंजन।                            [उचितवक्ता डेस्क]

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