Sunday, February 2, 2020

कर्तव्य की धारा

राज्य-व्यवस्था के द्वारा जबतक जन साधारण का अधिकार सुरक्षित और सुनिश्चित रहता है और न्यायोचित रूप में मिलता है तब तक नागरिक कर्तव्य भी जाग्रत रहता है। उसमें मंदी नहीं आती।

कर्तव्य मनुष्य का कार्य और परिश्रम है और अधिकार विश्राम। ऐसा विधान है। 

-गंगेश गुंजन। (उचितवक्ता डेस्क)


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