🌓
सज्जित है अभिमंच !
रंगमंच सक्रिय चल रहा है।
नाटक में एक खास तरह की
पटकथा धाराप्रवाह मंचित हो
रही है ।
अभी-अभी वाम ने दक्षिण को
फटकारा है। देखते देखते-देखते
दक्षिण वाम की पटकथा का
किरदार बन गया,
कथा में सहर्ष शामिल हो गया।
दक्षिण ने वाम को कुछ और तेज़
ललकारा तो दक्षिण
अभिमंचन की बखिया उधेड़ू
वाम रंग-समीक्षा अख़बार स्तम्भ-
लेखक हो गया।
वे एक ही मंच पर बारी-बारी
अभिनय कर रहे हैं।
एक दूसरा दर्शक दीर्घा में सामने
बैठा
युद्धाभ्यास का अभिनय देख रहा
है।
वास्तविक युद्ध अब भूमि पर
विध्वंसक मिसाइल परमाणु शक्ति
इत्यादि से नहीं,
देश-दुनिया भर के दिमाग़ में
विस्फोट कर रहा है
मंच पर घनघोर छिड़ा हुआ है।
कुछ दर्शक आफस में भिड़े हैं
अन्य शेष ताक में सक्रिय शान्ति
से अगले दृश्य की उत्सुकता से
प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पटकथा में मनमाफ़िक़ तूफ़ान
और शान्ति है।
२९.१.'२२. गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
No comments:
Post a Comment