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हिंसा तानाशाह का प्रिय
आहार है।उसे हिंसा का
विकल्प चाहिए ही नहीं।विस्मय
क्या कि अपनी महत्त्वाकांँक्षा
के अलावा उसके आगे कोई
विचार,विचार रहता ही नहीं।
जिस दिन हत्या का अहिंसक
विकल्प मिल जाएगा उस दिन
लोकतंत्र निर्दोष होकर सबजन
आदर्श राज्य संस्था बन जाएगा
इसमें शायद ही किसी को कोई
संदेह हो।
#उचितवक्ताडेस्क।
गंगेश गुंजन
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