Saturday, November 2, 2019

...अपना हंसना भी रोते रहते हैं

आने-जाने को लेकर पल-पल को इतना क्यों गिनते हैं।

कुछ बुजुर्ग तो हद हैं अपना हंसना भी रोते रहते हैं।


गंगेश गुंजन।(उचितवक्ता डेस्क)

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