* एक दीया तब तक जलता है जब तक उसे तेल और बाती का साथ रहता है। दोनों में से किसी एक के चुक जाने से उस दीये का भी अस्तित्व नहीं रहता। दीये की आयु उसमें तेल और बाती के बराबर है।
-गंगेश गुंजन।७.११.’१८.
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