Saturday, January 27, 2018

अन्न !

अन्न हूं मैं । पेट में जाता हूं तो शांति हूं।
भूखे पेट से बाहर रखा जाता हूं तो क्रांति हूं।
-गंगेश गुंजन।
२७.१.'१८.

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