⚡
।। एक ।।
अब शौक़ भी कुछ ख़ास नहीं
ज़िन्दगी का है
और ज़िन्दगी भी हम से रहने
लगी ख़फ़ा।
।। दो ।।
जब से मेरे गुनाह अदालत में
दर्ज हैं
छुट्टी में चल रहे हैं मुंसिफ़ भी
मुसल्सल।
🌩️
#उचितवक्ताडेस्क। गंगेश गुंजन
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