ग़रीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा : सर्वोच्च न्यायालय।
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माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह कहना सुकून पहुंचाता है कि अब निजी अस्पतालों में गरीबों को भी मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा मिलेगी। नियमानुसार सरकारी ज़मीनों पर बने और मुनाफा कमा रहे इन प्राइवेट अस्पतालों को गरीबों के लिए यह सुविधा सुनिश्चित करनी पड़ेगी। यही सुकून का समाचार है । लेकिन साथियो, आपको नहीं लगता कि यह समाचार भी महज़ समाचार बनकर रहेगा ? क्योंकि जिस देश में सुखी और संपन्न मध्य वर्ग के बहुत से लोग,वंचितों और निम्न वर्गीय सुविधाओं को छीन-हड़प कर और अधिक सुविधा से जीने के आदी (एडिक्ट)बन चुके हैं वे क्या ग़रीबों के हक़ में हो रही इस सुविधा को हड़पने से बाज़ जाएंगे ? उन्हें और अधिक धनवान जो होना है।और जो गरीब हैं उन्हें यह तो मालूम ही नहीं कि उनकी अधिकार और चाहत क्या हैं? और वे देश की पूरी व्यवस्था में कहां हैं? सो मुझे तो लगता है अभी वंचितों और गरीबों के लिए आये हर्ष में सबसे बड़ा खलनायक 10% विश्व के भारतीय अमीर नहीं,बल्कि उनके निकटतम 70% निम्न मध्य वित्त वे लोभी लोग हैं जो और धनी होना चाहते हैं। यही है कल आएगा अब यह कैसे बदलेंगे इंतजाम इसका भी होना चाहिए बहरहाल,शुभकामना तो है उम्मीद भी। देखना चाहिए!
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- गंगेश गुंजन 10 जुलाई 2018
Friday, July 13, 2018
ग़रीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा
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