🌀।🌀
इस सियासत और मेरे दोस्त में
इक फ़र्क़ है
एक नंगी हो चुकी है दूसरा
पर्दे में है।
देखिए यह दौर भी चलता है
आगे तक कहाँ
सज रहा किरदार मेक-अप
रूम के पर्दे में है।
अब कहाँ जाकर रहोगे दोस्तों
के शहर में
गाँव-क़स्बा-देश का भूगोल तक
पर्दे में है
देखते हैं अबकी बारी
कूटनीतिक वार्ता
ऊँट किस करवट में बैठे आज
तो परदे में है।
बहुत है अफ़सोस जी को पर
करे तो क्या करे
अपना खुद का भी इरादा तो
छुपा पर्दे में है ।
💤 गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क
No comments:
Post a Comment