।🌸। ग़ज़लसन ।🌸।
कहि रहल छी हम जहिना रहि रहल छी हम तहिना।
जेना सब लोक जीबय हमहुँ जीबै छी अहिना।
चलै छी कतबो बामा लोक धकलैए दहिना।
नजरि एतबेक दुनियाँक गनती काल-दिन महिना।
स्वभाव ओ नहिं बदलत राज रहते सब एहिना ।
मोश्किल तंँ बदलैए नहि लोको रहैए ओहिना।
दु:ख मे गुंजनक दोस्त रहि रहल ओकर बहिना। ।🌸।
-गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
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