छाउर
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इतिहासक छाउर सं,
आंखि कुटकुटाइत रहैये एखनो ।
एखनहुं उड़ि-उधिया क’ अबैत रहैये बेसी काल,
ई छाउर कोनो ने कोनो श्मशान सं,क़ब्रिस्तान सं
अबैये आ करेज में पैसि क’
भरि अंतर्रात्मा बिर्ड़ो उठा दैये।
गंध सेहो कर’ लगैए चिरायन-चिरायन
करिते रहि जाइए दिनक दिन।
जीह हौंड़ैत रहैये, रद्द होयबा धरि ओकाइत रहैये कंठ।
आंखिक समस्या मुदा बेसी जटिल अछि।
एना बेर-बेर आंखि कुटकुटयबाक कोन उपाय ?
आंखिक डाक्टर कहैत छथि-
‘इतिहासक छाउर सं कुटकुटाय वाला ई आंखि
अबाह भ’ गेलय। एकर आपरेशन करबाउ।
एकरा तुरंत निकलबाउ आ दोसर लेंस लगबाउ।नव आंखि बनबाउ।अपना कें अप-डेट करू।’
की करी ? मानि लेबाक चाही- डॉक्टरक सुझाव ?
-गंगेश गुंजन
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