Tuesday, October 21, 2025

बुढ़ापे का रेगिस्तान

स्मृति विहीन मनुष्य का बुढ़ापा सुदूर रेगिस्तान में अकेले चलने जैसा है।
                           💢
                      गंगेश गुंजन,
                   #उचितवक्ताडे.

Saturday, October 18, 2025

जाति,धर्म लेखक

'जाति या धर्म से किसी लेखक की पहचान नहीं होनी चाहिए!' एक यथार्थ लेखक को आर्त्त भाषा में लिखना पड़ रहा है।असल दुर्दिन तो यहाँ है।

            गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडे.

Wednesday, October 8, 2025

यह फेसबुक है !

                         🤓
यह फेसबुक है ! अच्छे-अच्छों की ऊटपटाँग बातोंका भी यहांँ,पूरा आदर-सत्कार होता है                        🌛|🌜
                  गंगेश गुंजन 
               #उचितवक्ताडे.

Saturday, October 4, 2025

उनका कौशल

🕸️🌈🕸️          उनके कौशल !
                                 🌀    
सत्ता के सभी शत्रु मार दिए जाने लायक़ ही नहीं होते। शासन की समझ और दृष्टि बहुत पैनी होती है।उसे ज्यादा मालूम है कि किस विरोध की सिर्फ़ एक टांँग तोड़ देने पर, किसकी एक आंँख भर फोड़ देने से या किसके कान बन्द कर देने पर ही अथवा सी बी आई जुमला भर उछाल देने से भू लुंठित हो जाएगा और दिमाग़ी तौर पर व्यवस्थित रूप में मर जाएगा और सरकारी समारोहों का ताली वादक कलाकार हो जाएगा।
                          💢                   ‌‌                              गंगेश गुंजन                                      #उचितवक्ताडेस्क.