🍂 रिश्तों के ड्राइंग रूम में !
रिश्तों के ड्राइंग रूम में तभी तक रहें जब तक कि बजते-बोलते-साज़ या कम से कम गाते हुए ट्रांजिस्टर रेडियो लगें कि कोई पुराना ग्रामोफोन सेट। कोई एक चीज़ बन कर बिना स्पर्श किए जाते हुए-बेआवाज़ बने कभी ना टिकें।
जिस पल ऐसा लग जाय शानदार ढंग से रुख़्सत हो लें।
🍁 गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
Sunday, November 24, 2024
रिश्तों के ड्राइंग रूम में
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