Saturday, February 3, 2018

कविता सृष्टि का प्रारूप

कविता नई सृष्टि,नये ब्रम्हांड का प्रारूप (सिनोप्सिस) है !
-गंगेश गुंजन।
०३फ़रवरी,२०१८‌ ई.

No comments:

Post a Comment