ख़्वाब के खेतिहर हैं हम तो। मौसमों की है परवाह किसे।
🌻
गंगेश गुंजन
Sunday, March 31, 2019
Friday, March 29, 2019
आज़ाद ज़ेह्न
🌺
मैं तो इंसान वो आज़ाद ज़ेह्न हूं लोगो !
क़ैद की किसी भी दीवार से क़द ऊंचा है। 🌻
-गंगेश गुंजन
Wednesday, March 20, 2019
अब की होली
।।अबकी होली।।
पूछती हैं सहेलियां एक दूजे से,
अभी तो आया था सुना कि जा रहा है ?
🌺!
गंगेश गुंजन.
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