Thursday, April 29, 2021

स्त्री

🏡

              आग लगी तो लोग !
                       🌾! 🌾
     घर में आग लगी तो,व्यवसायी
     अपनी पूंजी-हीरे जवाहरात समेटकर
     बचाने लगा।
     बंधक-व्योपारी संदूक में धरे अंगूठाछाप और
     दस्तखतों के दस्तावेज़।
     चित्रकार बनी-अधबनी अपनी पेंटिंग,
     लेखक लिखे हुए अपने काग़ज़ात-कलम,
     गाने के साज़ संभाल में पागल होकर जुटा
     गायक।
     दरवाजा खोलने के लिए पिता दौड़ा
     बिस्तर में बेख़ौफ़ निश्चिंत सो रहे
     शिशु की तरफ़ जी-जान से लपकती है
          -स्त्री !
                               **                                

                        गंगेश गुंजन
                    #उचितवक्ताडेस्क।

कोरोना के प्रति कुछ लोग

    🌀।       कोरोना के प्रति कुछ लोग...

     महाकाल कोरोना के प्रति कुछ लोग
     कहीं रूमानी तो नहीं हो रहे है ? फेसबुक
     दुनिया पर छाये हुए रवैये को देख कर कभी-
     कभी अंदेशा होता है जबकि हममें से बहुतों
     का दिल आजकल इस किसी भी पेज़ पर
     आने से पहले धक् धक् करता रहता है।
     इसलिए टालते रहते हैं कि पता नहीं पेज़
     खोलूँ और कौन-सा क्या अशुभ समाचार
     पढ़ना पड़े।
                         🍂🍂
                     गंगेश गुंजन

               #उचितवक्ताडेस्क।

Tuesday, April 27, 2021

समाज परीक्षा कापी है मेरी

🛖🛖।   समाज परीक्षा-कॉपी है मेरी ।🛖🛖 
       
    अनुभव मेरे प्रश्न-पत्र हैं और समाज
    उत्तर-पुस्तिका जिस पर लिख-लिख कर मैं
    निरंतरअपना इम्तिहान देता रहता हूंँ।अनुभव को
    समाजउत्तीर्ण करता है तो संजो लेता हूंँ
    अनुत्तीर्ण कर देता है तो किनारे कर देता हूंँ।
    फिर नए अनुभवको समाजकी उत्तर-पुस्तिका
    पर लिख-लिख कर निरन्तर परीक्षाएंँ देता
    रहता हूंँ।अभी का यह इम्तिहान कुछ और
    कठिन लग रहा है। फेल तो नहीं करना
    चाहिए...
         एक सचेष्ट रचनाकार परीक्षक से अधिक
    अपने समय का परीक्षार्थी होता है। ऐसा मुझे
    लगता है।           ⚡⚡
                       गंगेश गुंजन
                 #उचितवक्ताडेस्क।

Monday, April 26, 2021

संदूक में उम्मीद

लूट कर ले गया मेरा सब, कुछ भी नहीं छोड़ा।
फ़क़त टूटा नहीं संदूक जिसमें थी मेरी उम्मीद।

                       गंगेश गुंजन
                  #उचितवक्ताडेस्क।

Friday, April 23, 2021

आजकल समाचार

🌖!🌑     आजकल समाचार .
   
               सच  समाचार
               झूठ  समाचार
               सही  समाचार
               ग़लत  समाचार।
                 = शून्य समाचार।
        टीआरपी समाचार
       + लोक समाचार
               = अचार समाचार।
       + बाज़ार समाचार।
        प्रचार समाचार
                हासिल समाचार
                बदहवास समाचार।
                     🌒🌒
             #उचितवक्ताडेस्क।

⚡ ⚡
                          -छौंकी-
    छौंकी संँ कुकुर जकाँ बैलाओल नहिं जा
    सकैए मृत्यु कें। स्वाभाविक हो वा कोरोना संँ।
    हँ,हाथ मे जँ छड़ी रहय तँ कुकुर हबकत नहिं
    से धरि निश्चित।
    कोरोना जन्य परहेज़ आ सुरक्षा मे रहबाक
    तौर तरीका मे साकांक्ष रही तँ कोरोना अपना
    सन मुँह ल' क' घुरि जायत।
                                🌀
                     #उचितवक्ताडेस्क।

Tuesday, April 13, 2021

काल्हि खन चू्ल्हिक छुट्टी रहतै

            काल्हि चूल्हिक छुट्टी रहतै !

तें अनमन माय जकाँ बड़ी-भात,दलिपूड़ी-दलिपिठ्ठी इत्यादि सब टा विन्यास चूल्हि आइए रान्हि क' ध' जयतैक जे सन्तान भुखले ने रहय काल्हि। छुट्टी मे एक दिन लय नैहर सँ भ' आओत ! मुदा चूल्हिक कें आब नैहर छैक कि नहिं ? ओकर नैहर कोन गाम छैक? 

सवाल अछि जे,                                          जाहि संस्कृतिक गाम मे चूल्हि के पर्यंत एक दिन  विश्राम देबाक मनुक्खधर्मा अवधारणा ओ एतेक प्राचीन प्रथा-परम्परा छैक ताहि संस्कृतिक एहन पराभव कोना भ' गेल?के होअऽ देलकै ई पराभव ?

छुच्छे कोरोना काल कें दोष दै जयबैक ?

                      गंगेश गुंजन

                  #उचितवक्ताडेस्क।


आकाश का सफ़र

तितली-सी इक उम्मीद पर आकाश का सफ़र।           तेरा तो ये अंजाम होना ही था ज़िन्दगी।

                    गंगेश गुंजन 

              #उचितवक्ताडेस्क।





Thursday, April 8, 2021

भागम भाग लोग,कन्यादान समस्या और विवाह की आधुनिकतम संस्था: मिथिला की सौराठ सभा

भागम भाग लोग,कन्यादान समस्या और विवाह     
     की आधुनिकतम संस्था: मिथिला की
                      सौराठ सभा
                       ।🌳।🌳।
   'सौराठ सभा' पर आइ सँ पचास बर्ख पहिने
   लीखल आ धर्मयुग मे छपल रिपोर्ताजी लेख
   पर कतोक विद्वान,स्नेही फेसबुक संगी सब
   हमरा जिज्ञासा आ पठयबाक आग्रह करैत
   रहल छथि। संतोष अछि जे आब कहुना क'
   संभव भेलय तँं एत' प्रस्तुत क' रहल छी।
   एक टा आग्रह जे,
   एतेक पुरान टाईप मे मुद्रित जे नहिं पढ़ि पाबी
   से कष्ट क' श्री विजय देव झा(प्रशस्त पत्रकार
   राँची) विशेष आग्रह पर हुनको संँ प्राप्त क'
   सकैत छी।व्यस्तताक बादहु सुविधा रहतनि तँ
   विजय जी अवश्य पठयबाक चेष्टा करताह।
   हमरा स्नेहे कष्ट उठा क' ओ एहि लेखक स्वच्छ
   सुन्दर स्कैन प्रति पठौने रहथि। दुर्भाग्य जे
   फाइल मे कतबो तकलौं तँ नहिं भेटल अन्यथा
   एतहु वैह दितिऐक।
                   - गंगेश गुंजन
                  #उचितवक्ताडेस्क।

                         ।🌳।🌳।

Saturday, April 3, 2021

कहने से पहले

                     कहने से पहले

... तथापि कहने से पूर्व 'कविता में विचार' और 'विचार पर कविता में' कुछ तो उल्लेखनीय खाई-फाँक चिन्ता है कि जिस पर सावधानी ज़रूरी है कवि ?
                      गंगेश गुंजन                  

                  #उचितवक्ताडेस्क।

Friday, April 2, 2021

आदमी है तो आदमी होकर...

🌿।।                   🌗                   ।।🌿

     इन्सान ने चाहा कहाँ अनगिन बरस जीये
     जितना जिये उतना तो आराम से जीये।
     कोई तो हो सूरत कुछ ऐसा इन्तज़ाम
     है आदमी तो आदमी रह कर मरे-जीये ।

          गंगेश गुंजन  #उचितवक्ताडेस्क।

Thursday, April 1, 2021

आलोचना-आचरण तक आदर्श !

रचना से आलोचना-आचरण तक आदर्श, कहीं न कहीं एक नैतिकता से जुड़ा तो होता है लेकिन प्रायोजित नहीं रहता। इस धारणा की उम्र अब समाज में शेष प्राय है क्या ?

                      गंगेश गुंजन

                  #उचितवक्ताडेस्क।