। 🍂
सभी जाते हैं अपने दिन
यहां से लेकिन,
हरेक पल डरे-सहमे हुए
ता उम्र ज़िंदगी।
🍁
(आभार,महाकवि ग़ालिब) 💐!💐
गंगेश गुंजन
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