किसी उपलब्धि को अपनी नाक
से मत लगा लें। एनिस्थीसिया
होती है। इसे सूंघें नहीं। ध्यान रहे,
नाक से स्पर्श हुआ नहीं कि प्रबुद्ध
से प्रबुद्ध चेतना भी सुप्तावस्था में
चली जाती है !
💐
-उचितवक्ता डेस्क-
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