पर्यावरण और समाज का सामान्य स्वास्थ्य ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
समाज का सामान्य स्वास्थ्य निर्भर ज़रूर बाह्य पर्यावरण पर है लेकिन मुझे फिर भी यही लगता है कि बाहरी पर्यावरण के प्रदूषण से अधिक ख़तरनाक मनुष्यके अपने मन का आंतरिक प्रदूषण ही है।
आदमी अपने और भी पछतावे भरे भविष्य की ओर,बहुत वेग से बढ़ रहा है।
गंगेश गुंजन।
-उचितवक्ता डेस्क-
No comments:
Post a Comment