तन-मन चेतन कलाकार हूं।
निर्विष हूं मैं निर्विकार हूं।
उतना ही मनुष्य हूं जितना
नयी सदी के सद्विचार हूं। 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
गंगेश गुंजन
-उचितवक्ता डेस्क-
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