Monday, August 20, 2018

परिवर्तन भी उम्मीद की आंधी भर ।

परिवर्तन भी उम्मीद की आंधी भर ।

अब लगने लगा है कि छोटा से छोटा और बड़ा से बड़ा कोई परिवर्तन भी उम्मीद की आंधी की तरह है।आंधी आती है और अपनी छोटी बड़ी उम्र के साथ धीमे-धीमे पस्त होकर गुजर जाती है। राजनीतिक और सत्ता परिवर्तन की आंधी का यही हाल है। आंधी आती है और चली जाती है। वैसे ही जन साधारण की उम्मीदों से भरी राजनीति और सत्ता-परिवर्तन की आंधी भी होती है जो आकांक्षा पूरी होने की प्रतीक्षा में ही उतर जाती है। राजनीतिक परिवर्तन की वह आंधी अपने स्वभाव और उम्र के अनुसार छ: माह से लेकर तीन-चार साल तक में ठंडी पड़ जाती है।तीन-चार साल अर्थात हमारी तरह के इस लोकतंत्र में,अगले राज्य अथवा आम चुनाव आते-आते !
     सो मेरे अनुभव में अब तो अपने यहां सारे परिवर्तन साधारण जन की उम्मीदों का श्मशान-क़ब्रिस्तान भर होकर रह गए हैं। देश के अवाम की जिंदगी में अब इनका और कोई मतलब नहीं बचा दिखता है,फूस, लुगदी और सिट्ठी भर हैं !
     राजनीतिक और सत्ता परिवर्तन,कतिपय रिक्त हृदय, तृप्ति कामी क्षुधित, बौद्धिकों का, इंपोर्टेड च्विंगम है !
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-गंगेश गुंजन।२७ फ़रवरी,२०१८.

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