Friday, December 22, 2017

सोसाइटी के पार्क में टहलता हूं तो सीमेंट के फुटपाथ पर ही चलता हूं। वैसे नंगे पैरों किंतु मर्म से दूब पर चलना दिव्य सुखद लगता है। लेकिन मुलायम दूबों पर चप्पल-जूते पहन कर मैं कभी नहीं चलता। यह सावधानी रखता हूं।फिर भी मुश्किल तब हो जाती है जब ऐसे चलते हुए में‌ कोई चुनमुनियां चिड़िया सीमेंटी पगडंडी पर ही चुन-चुन-चिन-चिन करती,चहकती-फुदकती ऐन मेरे सामने पड़ जाती है तब सीमेंटी पगडंडी पर होकर आगे जाने को मन तैयार नहीं होता ! क्योंकि जाऊंगा तो सहम कर उस नन्ही चिड़िया को उड़ना होगा ! कारण कि मैं इंसान हूं और चिड़ियां सबसे ज्यादा परेशान इंसान से ही रहती है। तो ऐसे में मैं यही चुनता हूं-दूब पर ही पैर रख कर चलता हूं ताकि चुन-चुन करती हुई चुनमुनियां का गाना नरुके।चुनमुन्नी अपना गीत गाती रहे ! मुझसे डर कर उसको उड़ना न पड़े !

चुनमुन्नीक गाना

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