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रक्त रंजित ऐ समय मे बजेबै
ककरो अगर,स्वजन संगी दोस्त टा आएत कोनहुंँ पार्टीक लोक नै। हृदय मे बारूद,बम सन गंध पसरल अछि एखन जँ कोनहुँ क्षण फूटि जाय तँ मनुक्खक से दोष कोन ! 🔥🔥
गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
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