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गहरी दुविधा द्वन्द्व में जी रहा हूँ गुरु जी,
ख़ास कर बुद्धिजीवियों को पढ़ते हुए अधिकतर यह महसूस होता है जैसे तमाम दुनिया के डर,अपराध,अंधकार अन्याय और वजूद पर ख़तरे भारत में ही आ कर बस गये हैं। यहांँ को छोड़ कर बाकी सारी दुनियामें पृथ्वी भर -अमेरिका,इंग्लैंड रूस,फ्रांस,चीन आदि देश परम सुख-शांतिमय हैं अतःआनन्द मना रहे हैं।
सच समाचार को जानने-समझने की दृष्टि और रौशनी दीजिए,रास्ता दिखलाइए,गुरु जी।
|🔥| गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
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