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कल सन्ध्या सुरजीत भवन में आयोजित प्रिय कवि विमल कुमार का एकल काव्यपाठ सुनना दुर्लभ संयोग की बहुत विशेष ख़ुशी थी।
ऐसे नीरस किन्तु भयावह चिन्ता-देश -काल में अब 'एकल काव्यपाठ' का सिलसिला ही अधिक सार्थक अतः स्वागत योग्य है। एक बहुत लम्बे समय के बाद यह अनुभव वास्तव में कविता मय सहज आनन्द का बीता।बधाई विमल जी।
और बहुत प्रशंसा के योग्य,आयोजन के संयोजक प्रियकवि संजय कुंदन जी।
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#उचितवक्ताडेस्क प्रस्तुति।
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